महर्षि बाल्मीकि ने प्रभु श्रीराम की जीवन यात्रा में प्रत्येक पड़ाव पर बहुत गहरी दृष्टि रखा है और एक परिवार एक समाज और एक राष्ट्र कैसा होना चाहिए इसे स्पष्ट किया है।यह तो अतिप्राचीन है लेकिन गोस्वामी तुलसीदासजी ने या अन्य संतों ने लोकभाषा में प्रस्तुत कर सबके लिए आसान बनाया सब कहत
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