"मान्यवर काशीराम जी ने जब इस पार्टी की नींव 14 अप्रैल 1984 को रखी थी तो उन्होंने फैसला किया था कि यदि मुझे निस्वार्थ भाव से राजनीति में कुछ करना है तो अपने परिवार और रिश्ते-नातों को राजनीति से दूर रखना होगा। इसी प्रकार मैंने भी मान्यवर कांशीराम जी के जीवन से प्रेरणा लेकर यह फैसला लिया कि जब तक मैं जिंदा रहूंगी और राजनीति करती रहूंगी तब तक मैं अपने रिश्ते-नातों, भाई-बहनों को राजनीति से दूर रखूंगी"- मायावती जी।