हुलाला के बहाने मौलवी जब दूसरे की बीवी को
घोड़ी बना के खोदता है …
तो हिजाबी औरतें अवश्य असहज महसूस करती हैं,
लेकिन हिजाबी औरतों को लगता है कि
ये तो उनके मज़ा हब का हिस्सा है, इसलिए मौन रहती हैं…
बहुत कम कम हिजाबी औरतें होती हैं जो विरोध कर पाती हैं…
बीवी को खोदने का अधिकार
केवल और केवल शौहर का होता है,
लेकिन देवर, पड़ोसी, भांजा, भतीजा, ससुर
जीजा और मौलवी से टांगे उठा के खुदवाना ठीक नहीं है..
सोना, चांदी, कपड़ा शौहर लाकर दे,
बीमार पड़ने पर देखभाल शौहर करे,
रानी बनाकर शौहर रखे,
और घोड़ी बना के टांगे उठा के खोदने का काम
देवर, जीजा, पड़ोसी, ससुर ,भाई, मौलवी आदि करे…
ये अनुचित है…
Show more