संघ की शाखाओं में सभी भारतीयों का स्वागत है। देश में पंथ, जाति, संप्रदाय की पूजा पद्धति अलग-अलग है, लेकिन संस्कृति एक है। औरंगजेब को आदर्श मानने वालों को छोड़कर सभी स्वीकार हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।
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