बताया जाता है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर कंटीले तार लगे लोहे के रॉड से हमले किए थे। देश जनता है उस हमले में 16 बिहार रेजीमेंट के 20 जवानों की हत्या हुई थी।
कहा जाता है कि ऐसी बर्बर झड़प आधुनिक सेनाओं के हाल-फिहलाल के इतिहास में बेहद कम हैं। एक भारतीय अधिकारी के मुताबिक, जिन सैनिकों के पास हथियार नहीं थे, उनकी भी बर्बर हत्या की गई. इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने जान बचाने के लिए गलवान नदी में छलांग लगा दी थी।
गलवान में झड़प के बाद कम से कम दो दर्जन जवान अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे और करीब 110 से ज्यादा को इलाज की जरूरत पड़ी।
लोग भूल गए हैं क्योंकि यह सरकार चाहती है कि बारहमासा हिन्दू मुस्लिम में हम यह दर्द भूल जाएं। राहुल गांधी उसी की याद दिला रहे हैं।
आप केक काटो, गुप्त चिट्ठी लिखो लेकिन अपनी लूटी हुई जमीन तो लाओ।