भ्रष्टाचारियों के नाम उजागर करने पर प्राइवेसी के नाम पर 250 करोड़ का जुर्माना ठोंका जाएगा। यह बढ़कर 500 करोड़ तक हो सकता है।
इसके दायरे में पत्रकार, रिसर्चर, सिविल सोसाइटी और पार्टियां आएंगी। कोई देश को लूट खाएगा, लेकिन सरकार उसका नाम नहीं बताएगी, आप भी उसका नाम नहीं ले सकते।
कानून कहता है कि सरकार जिसे चाहेगी, उसे छूट दे देगी। यानी उनका आईटी नेहरू जी की लंगोट में आगे भी झांकता रहेगा।
डेटा प्रोटेक्शन कानून किसके लिए आया है? देश को भ्रष्टाचारियों की सैरगाह बनाना है।
Show more