पाखंडी धीरेंद्र शास्त्री देश के लोकतंत्र और संविधान पर रोज खुलकर हमला करता है। यह संविधान के खिलाफ अभियान चलाता है और देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करता है। अब हिंदू गांव बसा रहा है।
यह सब भाजपा और आरएसएस के संरक्षण में हो रहा है वरना इसको थाने का एक दारोगा ठीक कर देता। देश के प्रधानमंत्री इसके साथ मंच साझा करते हैं। नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत गंगा में खड़े होकर भी संविधान के प्रति आस्था जताएं, तब भी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि पीठ पीछे यह पूरा गिरोह लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहता है।
देश की जनता को यह तय करना है कि हमें हमारे शहीदों का लोकतंत्र चाहिए या फिर पाकिस्तान की तर्ज पर हिंदू राष्ट्र? हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय पर आधारित व्यवस्था चाहिए या फिर धर्म आधारित मध्ययुगीन राजव्यवस्था?