गोदी सेठ की ग़लती। ग्लोबल चैनल से पहले ग्लोबल रिसर्च संस्थाओं को ख़रीद लेते। तब कोई नहीं पूछता कि गोदी सेठ के ग्लोबल चैनल पर ग्लोबल ख़बरें क्यों नहीं हैं? वैसे इस बात की चर्चा शहर में कहीं नहीं है क्योंकि शहर के लोगों का तन ट्रैफ़िक जाम में फँसा है और दिमाग़ धर्म की राजनीति में।